HbA1c टेस्ट – डायबिटीज़ की पहचान और इलाज के लिए सबसे भरोसेमंद टेस्ट
जानिए HbA1c (ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन) क्या है, इसका इस्तेमाल डायबिटीज़ की पहचान और ट्रीटमेंट मॉनिटर करने में कैसे होता है। सही जानकारी, टेस्ट के फायदे, टारगेट लेवल और महत्वपूर्ण सुझाव। 📘 HbA1c क्या है और क्यों जरूरी है? डायबिटीज़ आज के समय में एक आम बीमारी बन चुकी है। इसके इलाज और मॉनिटरिंग में HbA1c टेस्ट एक बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। HbA1c, जिसे ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन भी कहा जाता है, यह ब्लड टेस्ट पिछले 3 महीनों का औसत ब्लड शुगर लेवल बताता है। सिर्फ एक बार शुगर चेक करने से पूरा चित्र साफ नहीं होता। HbA1c हमें बताता है कि लंबे समय तक शरीर में शुगर कितनी बनी रही। इसलिए इसे डायबिटीज़ की पहचान और इलाज दोनों में गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट माना जाता है। 🔍 HbA1c से डायबिटीज़ की पहचान HbA1c टेस्ट से हम डायबिटीज़ की स्थिति समझ सकते हैं। सामान्य मानक इस प्रकार हैं: ✔ HbA1c 5.7% से कम → नॉर्मल ⚠ HbA1c 5.7% से 6.4% → प्री-डायबिटीज़ 🚨 HbA1c 6.5% या उससे अधिक → डायबिटीज़ स्टडीज़ में पाया गया है कि जैसे ही HbA1c 6.5% से ऊपर जाता है, डायबिटीज़ से संबंधित समस्याएँ जैसे आँखों की ब...